Durga Devi Mantram सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोसस्तुते।1। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।2। पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता,प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता। पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत, प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत। 3। ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।4। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः। या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।5।

Durga Devi Mantram | दुर्गा देवी मंत्रम : ध्यान और भक्ति

दुर्गा देवी मंत्रम या दुर्गा मंत्र दुर्गा माँ की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। दुर्गा देवी, जिन्हें शक्ति और सृजन की देवी के रूप में पूजा जाता है, हिंदू धर्म में सर्वोच्च स्थान रखती हैं। Durga Devi Mantram का जाप करते समय विशेष ध्यान और साधना की आवश्यकता होती है। यें आदिशक्ति का प्रतीक हैं … अभी देखें

॥ॐ दुं दुर्गायै नमः॥

Durga Beej Mantra | दुर्गा बीज मंत्र : शक्तिशाली दुर्गा मंत्र

दुर्गा बीज मंत्र शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना जाता है, जिसका जाप माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। Durga beej mantra का नियमित जाप न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न कठिनाइयों से पार पाने की शक्ति भी देता है। बीज मंत्र का स्वरुप छोटा और … अभी देखें

ऊं आग्नेय नम: स्वाहा, ऊं गणेशाय नम: स्वाहा, ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा, ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा, ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा, ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा, ऊं शिवाय नम: स्वाहा, ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे, ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा, ऊं भैरवाय नम: स्वाहा, ऊं जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा... शिवाधात्री स्वाहास्वधा नमस्तुति स्वाहा, ऊं ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु:... शशि भूमि सुतो बुधश्च:... गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे... ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा॥ ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा॥ ॐ श्रीं ह्रीं दुं दुर्गायै नमः स्वाहा॥ ॐ दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै, ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रा सततं नमः स्वाहा॥

Durga Hawan Mantra | दुर्गा हवन मंत्र : सकारात्मक ऊर्जा का संचार

दुर्गा हवन मंत्र एक शक्तिशाली साधना विधि है जो देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। दुर्गा हवन में विशेष Durga hawan mantra का जाप किया जाता है जो साधक की आत्मिक शक्ति को जागृत करता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। इस हवन के दौरान माँ दुर्गा के 108 नाम का जाप … अभी देखें

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥1॥ या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥2॥ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥3॥ या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥4॥ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥5॥ दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः, सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि, दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके, मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय॥6॥

Durga Ji Ka Mantra | दुर्गा जी का मंत्र: जीवन में शांति और समृद्धि

दुर्गा जी का मंत्र भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है। यह मंत्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और नकारात्मकता से बचाने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यदि आप कठिन समय से गुजर रहे हैं या जीवन में किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं, तो Durga ji ka mantra जाप … अभी देखें

Durga Saptashati Mantra ॥कार्यबाधा निवारण के लिए॥ ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके, शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥ ॥संकट से मुक्ति के लिए॥ रक्तबीजवधे देवी चण्डमुण्ड विनाशनी, रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥ ॥व्याधिमुक्ति के लिए॥ स्तुवद्भ्यो भक्तिपूर्वं त्वां चण्डिके व्याधिनाशिनि, रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥ ॥शीघ्र विवाह के लिए॥ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्, तारिणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोभ्दवाम्॥ ॥इच्छित पत्नी प्राप्ति के लिये॥ पत्नीं मनोरामां देहि मनोववृत्तानुसारिणीम्, तारिणीं दुर्गसंसार-सागरस्य कुलोभ्दवाम्॥ ॥रोगों से मिलती है मुक्ति॥ रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्, त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥ ॥पुत्र प्राप्ति के लिये॥ देवकीसुत गोविंद वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः॥ ॥विपत्ति से छुटकारा पाने के लिए॥ देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य, प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य॥ ॥शक्ति प्राप्ति के लिये॥ सृष्टि स्तिथि विनाशानां शक्तिभूते सनातनि, गुणाश्रेय गुणमये नारायणि नमो स्तु ते॥ ॥पदोन्नति के लिए॥ वन्दिताप्राधियुगे देवी देव सौभाग्यदायिनी, रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥ ॥महामारी जैसे रोगों से मुक्ति के लिए॥ ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी, दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥ ॥सौभाग्य प्राप्ति के लिए॥ देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥ ॥पापनाशक॥ हिनस्ति दैत्येजंसि स्वनेनापूर्य या जगत्, सा घण्टा पातु नो देवी पापेभ्यो नः सुतानिव॥

Durga Saptashati Mantra | दुर्गा सप्तशती मंत्र

दुर्गा सप्तशती मंत्र हमारे हिन्दू धर्म का एक अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जिसका जाप देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाता है। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती नामक ग्रंथ से लिया गया है। इस ग्रंथ में माँ दुर्गा के अद्वितीय शौर्य का वर्णन किया गया है। Durga Saptashati Mantra का जप करने से व्यक्ति के जीवन में आने … अभी देखें