दुर्गा जी का मंत्र भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है। यह मंत्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और नकारात्मकता से बचाने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है। यदि आप कठिन समय से गुजर रहे हैं या जीवन में किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं, तो Durga ji ka mantra जाप आपको उस नकारात्मकता से मुक्ति दिला सकता है।
दुर्गा जी के मंत्रों का जाप नियमित रूप से करने से आपको सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह मंत्र न केवल आपकी आत्मा को शुद्ध करता है बल्कि आपके चारों ओर एक सुरक्षा कवच भी बनाता है। माँ दुर्गा के निम्नलिखित मंत्र जैसे- Durga hawan mantra, Durga beej mantra, Durga saptashati mantra आदि होते हैं, जिसे आपके लिए हमने नीचे उपलब्ध कराया है।
दुर्गा जी का मंत्र
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥1॥
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥2॥
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥3॥
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥4॥
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥5॥
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः,
सवर्स्धः स्मृता मतिमतीव शुभाम् ददासि,
दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके,
मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय॥6॥
Durga Ji Ka Mantra करने की विधि
- स्नान करे: दुर्गा जी के मंत्र का जाप शुरू करने से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्नान करके स्वयं को स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजन स्थल की तैयारी: जिस स्थान पर आप मंत्र का जाप करेंगे, उसे साफ रखें। वहां एक साफ आसन बिछाएं और देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। आसन पर बैठने से पहले थोड़ा जल छिड़क लें ताकि स्थान पवित्र हो जाए।
- दीप और अगरबत्ती जलाएं: पूजन स्थल पर एक दीपक जलाएं और अगरबत्ती से वातावरण को शुद्ध करें। इससे मन में शांति और सकारात्मकता का संचार होता है।
- ध्यान करें: मंत्र जाप से पहले देवी दुर्गा का ध्यान करें। अपनी आंखें बंद करके देवी के दिव्य रूप का स्मरण करें और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
- मंत्र का जाप: निर्धारित संख्या में मंत्र का जाप करें। “ॐ दुं दुर्गायै नमः” या “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” जैसे मंत्रों का जाप माला का उपयोग करके करें। मंत्र की हर माला पूरी होने के बाद देवी को प्रणाम करें।
- सात्विक भोजन ग्रहण करें: मंत्र जाप के बाद सात्विक भोजन करें। इस दौरान शुद्ध और सादा आहार लेना चाहिए ताकि मानसिक और शारीरिक शांति बनी रहे।
- धन्यवाद और आभार: मंत्र जाप समाप्त होने के बाद देवी दुर्गा को धन्यवाद दें और आभार प्रकट करें। उनसे अपनी इच्छाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें और अपने जीवन में उनके आशीर्वाद की कामना करें।
इन सरल विधियों का पालन करके आप मंत्र का सही ढंग से जाप कर सकते हैं और देवी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
मंत्र के लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: मंत्र जाप करने से आपके चारों ओर एक अदृश्य सुरक्षा कवच बनता है, जो नकारात्मक शक्तियों और बुरी ऊर्जा से रक्षा करता है। यह मंत्र जीवन में सकारात्मकता और उन्नति लाने में सहायक होता है।
- आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि: मंत्र का नियमित जाप आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है। कठिन परिस्थितियों का सामना करने में शक्ति मिलती है और भय दूर होता है। यह मंत्र आपके मानसिक और भावनात्मक बल को मजबूत करता है।
- मन की शांति: जब आप मंत्र जाप करते हैं, तो आपका मन शांत हो जाता है। तनाव, चिंता और मानसिक अशांति धीरे-धीरे दूर होती है। यह मंत्र मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, जिससे आपका ध्यान केंद्रित और नियंत्रित रहता है।
- सफलता और समृद्धि की प्राप्ति: आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप अत्यंत प्रभावी माना जाता है। इसके निरंतर जाप से आपके जीवन में सफलता, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और कामकाज में उन्नति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: इस मंत्र के जाप से शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। रोग और बिमारियों से बचाव होता है और जीवनशक्ति में वृद्धि होती है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक विकास: मंत्र धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे आपका ईश्वर के प्रति विश्वास और भक्ति मजबूत होती है। आप जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को बेहतर ढंग से समझने लगते हैं और आपके भीतर ईश्वरीय प्रेम का विकास होता है।
इनके मंत्र का नियमित जाप जीवन के हर क्षेत्र में शुभ फल देता है और समस्त दुखों का निवारण करता है।
FAQ
दुर्गा जी का सबसे प्रभावशाली मंत्र कौन सा है?
इनके कई मंत्र हैं, लेकिन “ॐ दुं दुर्गायै नमः” और “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” सबसे प्रभावशाली माने जाते हैं। ये मंत्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने और नकारात्मकता से बचाने के लिए उत्तम हैं।
मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
मंत्र का जाप प्रातःकाल या संध्या के समय, स्नान करके शुद्ध होकर करना सबसे उचित माना जाता है। खासकर नवरात्रि और अष्टमी जैसे विशेष दिनों पर इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।
दुर्गा मंत्र जाप कितनी बार करना चाहिए?
मंत्र का जाप कम से कम 108 बार (एक माला) करना चाहिए। नियमित रूप से अधिक जाप करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण हो सकती हैं।
क्या इनका मंत्र हर कोई जाप कर सकता है?
हाँ, मंत्र हर कोई जाप कर सकता है, चाहे वह किसी भी उम्र या लिंग का हो। यह मंत्र सभी के लिए समान रूप से प्रभावी होता है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।