दुर्गा हवन मंत्र एक शक्तिशाली साधना विधि है जो देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। दुर्गा हवन में विशेष Durga hawan mantra का जाप किया जाता है जो साधक की आत्मिक शक्ति को जागृत करता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। इस हवन के दौरान माँ दुर्गा के 108 नाम का जाप और दुर्गा सप्तशती मंत्र का पाठ किया जाता है, जिससे जीवन के संकटों का नाश होता है और मन की शांति प्राप्त होती है। अंत में दुर्गा जी की आरती भी की जाती है।
इस दुर्गा देवी मंत्रम का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे स्वास्थ्य, व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में उन्नति होती है। ये मंत्र निम्नलिखित है –
Durga Hawan Mantra
ऊं आग्नेय नम: स्वाहा,
ऊं गणेशाय नम: स्वाहा,
ऊं नवग्रहाय नम: स्वाहा,
ऊं कुल देवताय नम: स्वाहा,
ऊं ब्रह्माय नम: स्वाहा,
ऊं विष्णुवे नम: स्वाहा,
ऊं शिवाय नम: स्वाहा,
ऊं दुर्गाय नम: स्वाहा,
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे,
ऊं महाकालिकाय नम: स्वाहा,
ऊं भैरवाय नम: स्वाहा,
ऊं जयंती मंगलाकाली,
भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा…
शिवाधात्री स्वाहास्वधा नमस्तुति स्वाहा,
ऊं ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु:…
शशि भूमि सुतो बुधश्च:…
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे…
ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा॥
ॐ दुं दुर्गायै नमः स्वाहा॥
ॐ श्रीं ह्रीं दुं दुर्गायै नमः स्वाहा॥
ॐ दुर्गायै दुर्गपारायै सारायै सर्वकारिण्यै,
ख्यात्यै तथैव कृष्णायै धूम्रा सततं नमः स्वाहा॥
दुर्गा हवन मंत्र की विधि
- हवन की तैयारी: दुर्गा हवन करने से पहले आवश्यक सामग्री जैसे हवन कुंड, आम की लकड़ी, गाय का घी, हवन सामग्री, दूर्वा, चावल, नारियल, आदि की व्यवस्था करें। पूजा के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान का चयन करें।
- साफ़-सफाई: हवन स्थल और अपने शरीर का सफाई करें। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। आसन पर बैठकर ध्यान करें और दुर्गा माँ का ध्यान करते हुए हवन की शुरुआत करें।
- हवन सामग्री : हवन कुंड में अग्नि जलाये और हर आहुति के साथ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे मंत्र का जाप करते हुए गाय के घी और हवन सामग्री चढ़ाये।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: हवन के दौरान दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का पाठ करें। ये मंत्र विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं और साधक के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का संचार करते हैं।
- समापन और प्रार्थना: हवन की समाप्ति पर देवी दुर्गा से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन के सभी संकटों का नाश करें और आपको सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करें। सभी उपस्थित जनों के साथ आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।
- हवन के बाद शांति मंत्र: हवन के बाद शांति के लिए ‘ॐ शांतिः शांतिः शांतिः’ का पाठ करें, जिससे घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का वास हो।
मंत्र के लाभ
- मानसिक शांति और सकारात्मकता: मंत्र का नियमित जाप व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता का संचार करता है, जिससे मनोबल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- संकटों से मुक्ति: मंत्र देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का एक सशक्त साधन है। इस मंत्र का पाठ करने से जीवन के सभी प्रकार के संकट, बाधाएं, और समस्याएं दूर होती हैं। साधक को कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का प्रवेश होता है।
- स्वास्थ्य और समृद्धि: मंत्र का जाप करने से साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। हवन के दौरान उत्पन्न ऊर्जा शरीर को शुद्ध करती है और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। इसका प्रभाव परिवार और व्यापारिक जीवन पर भी सकारात्मक रूप से पड़ता है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश: मंत्र के द्वारा नकारात्मक शक्तियों और बुरी दृष्टि का नाश होता है। यह व्यक्ति के चारों ओर सुरक्षा का घेरा बनाता है, जिससे वह नकारात्मक प्रभावों से बचा रहता है।
- आत्मिक शक्ति का विकास: मंत्र साधक की आत्मिक शक्ति को जागृत करता है। इससे व्यक्ति का ध्यान और साधना में एकाग्रता बढ़ती है, जिससे जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- परिवार और सामाजिक संबंधों में सुधार: हवन से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा परिवार और सामाजिक संबंधों में मधुरता लाती है। इससे पारिवारिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है, और विवादों का नाश होता है।
मंत्र के ये लाभ व्यक्ति के जीवन को सफल और शांतिपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
FAQ
क्या दुर्गा हवन हर कोई कर सकता है?
जी हाँ, कोई भी व्यक्ति कर सकता है, बशर्ते उसकी भावना शुद्ध हो और वह सही विधि से हवन करें।
क्या इस मंत्र के गलत पाठ से नुकसान हो सकता है?
मंत्रों का गलत पाठ लाभ की जगह हानि भी कर सकता है। इसलिए मंत्रों का सही उच्चारण करना बेहद जरूरी है। अगर आपको मंत्र का सही उच्चारण नहीं आता, तो किसी जानकार व्यक्ति या पंडित से सीखना चाहिए।
इसके लिए कितने लोगों की आवश्यकता होती है?
दुर्गा हवन किसी एक व्यक्ति द्वारा भी किया जा सकता है, लेकिन इसे अधिक प्रभावी बनाने के लिए परिवार या सामूहिक रूप से करना अच्छा माना जाता है।
इस मंत्र का जाप करने के लिए कौन सी सामग्री चाहिए?
हवन के लिए हवन कुंड, आम की लकड़ी, कपूर, कलावा, पान का पत्ता, सुपारी, लौंग, गाय का घी, जौ, चावल, दीपक, अगरबत्ती, फूल, और जल आदि सामग्री की आवश्यकता होती है।

मैं मां दुर्गा की आराधना और पूजा-पाठ में गहरी रुचि रखती हूँ। मां दुर्गा से संबंधित मंत्र, आरती, चालीसा और अन्य धार्मिक सामग्री साझा करती हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को सही पूजा विधि सिखाना और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करना है।