Durga Bhajan | दुर्गा भजन : भक्ति और आनंद का संगम

दुर्गा भजन हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। Durga bhajan देवी दुर्गा की महिमा, शक्ति और उनके विभिन्न रूपों का गुणगान करते हैं। इनमें देवी की स्तुति के साथ-साथ उनके दिव्य गुण और शक्तियों का वर्णन किया जाता है, जिससे भक्तों को भक्ति और आध्यात्मिक आनंद प्राप्त होता है।

इन भजनों में दुर्गा चालीसा, दुर्गा आरती आदि दुर्गा स्तोत्र शामिल होते है। दुर्गा माँ के भजन केवल धार्मिक गीत नहीं हैं, बल्कि ये भक्ति, शांति, और आध्यात्मिक समृद्धि का एक सुंदर माध्यम हैं। यदि आप भी इन भजनों को विस्तार से पढ़ना चाहती है तो, हमने आपके लिए इन भजनों को नीचे उपलब्ध कराया है।

Durga Bhajan Collection

माता के कुछ प्रचलित भजनों को हमने नीचे उपलब्ध कराया है:

  • चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है…
  • कहीं मेरी नज़र ना लगे मेरी मैया…
  • मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है…
  • अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये…
  • लेके पूजा की थाली…
  • हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम…
  • दुर्गा है मेरी मां…

दुर्गा भजन

चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है,
ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है।

सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारों का,
रस्ता देख रही है माता, अपनी आंख के तारों का।
मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है॥

जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालों को,
चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को।
जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है॥

वैष्णो देवी के मन्दिर में, लोग मुरदे पाते है,
रोते-रोते आते है, हस्ते-हस्ते जाते है।
मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है॥

मैं तो भी एक माँ हूं माता, माँ ही माँ को पहचाने,
बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने।
उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है॥

प्रेम से बोलो, जय माता दी।
ओ सारे बोलो, जय माता दी।
वैष्णो रानी, जय माता दी।
अम्बे कल्याणी, जय माता दी।
माँ भोली भाली, जय माता दी।
माँ शेरों वाली, जय माता दी।
झोली भर देती, जय माता दी।
संकट हर लेती, जय माता दी।
ओ जय माता दी, जय माता दी॥

जब श्रद्धालु इसे भावपूर्ण तरीके से गाते हैं, तो उन्हें देवी की कृपा का अनुभव होता है, जो उनके जीवन को कष्टों से मुक्त करने की दिशा में ले जाती है।

भजन की पाठ विधि

  1. स्वछता: भजन करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ, पवित्र वस्त्र पहनें। यह आपके भक्ति भाव को दर्शाता है।
  2. पूजा स्थल: एक साफ और शांत स्थान पर पूजा की तैयारी करें। वहां एक आसन बिछाएं और उसे अच्छे से साफ करें।
  3. मूर्ति स्थापना: देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। सुनिश्चित करें कि मूर्ति या चित्र पवित्र और साफ हो।
  4. दीपक जलाएं: देवी के सामने घी या तेल का दीपक जलाएं और साथ ही धूप या अगरबत्ती भी जलाएं। इससे वातावरण पवित्र होता है।
  5. फूल और प्रसाद: देवी को ताजे फूल, फल, मिठाई, या प्रसाद चढ़ाएं। यह आपकी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करता है।
  6. भजन: दुर्गा माता भजन को गाएं या श्रद्धा पूर्वक सुनें। भजन के शब्दों को ध्यान से समझें और भावनात्मक रूप से जुड़ें। अपना पूरा ध्यान भजन के मधुर शब्दों पर लगाएं और दिव्य अनुभूति का आनंद लें।
  7. नृत्य: यदि संभव हो तो भजन के साथ नृत्य या आर्तनाद भी करें। यह भक्ति की ऊर्जा को और बढ़ाता है और आनंदित करता है।
  8. आरती : भजन के अंत में देवी के सामने दीपक को चारों ओर घुमाते हुए आरती करें। इससे पूजा की पूर्णता होती है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।
  9. प्रार्थना: भजन समाप्त होने के बाद देवी के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें और अपने मनोकामनाओं के लिए संकल्प लें।
  10. ध्यान और विश्राम: भजन के बाद कुछ समय ध्यान लगाएं और मानसिक रूप से शांत रहें। यह आपकी भक्ति को और भी गहरा बनाएगा।
  11. प्रसाद वितरण: देवी के सामने अर्पित किए गए प्रसाद को भक्तों में वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
  12. स्थल की सफाई: भजन के बाद पूजा स्थल को साफ करें और वहां से पूजा सामग्री को व्यवस्थित तरीके से हटा दें।
  13. निरंतरता: नियमित रूप से दुर्गा माँ के भजन का गायन या श्रवण करें ताकि देवी की कृपा और आशीर्वाद आपके जीवन में बना रहे।

इस विधि को ध्यानपूर्वक और श्रद्धा के साथ पालन करने से भजन का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है और देवी की कृपा आपके जीवन में बनी रहती है।

इन भजनों से होने वाले लाभ

  • आध्यात्मिक उन्नति: इन भजनों से आध्यात्मिक उन्नति होती है। यह व्यक्ति को आत्मा की गहराई में जाकर आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है।
  • मानसिक शांति: भजन गाने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह तनाव और चिंता को कम करता है और मन को शांत करता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: भजन के माध्यम से घर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता दूर होती है।
  • भावनात्मक संतुलन:नियमित भजन करने से भावनात्मक संतुलन और स्थिरता मिलती है। यह जीवन की चुनौतियों और समस्याओं का सामना करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य सुधार: मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा से शारीरिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह तनाव और संबंधित बीमारियों से राहत दिलाता है।
  • सुख और समृद्धि: देवी दुर्गा की भक्ति और भजन के माध्यम से जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। यह आर्थिक स्थिति में भी सुधार कर सकता है।
  • संबंधों में सुधार: परिवार के सदस्य मिलकर भजन करने से पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
  • सामाजिक मान्यता: नियमित भजन करने से धार्मिक और सामाजिक मान्यता प्राप्त होती है। यह आपकी धार्मिक छवि को मजबूत करता है।
  • सुरक्षा: भजन से देवी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुरक्षा और सुरक्षा का एहसास होता है। यह अनावश्यक खतरों और समस्याओं से बचाव करता है।
  • धैर्य और संयम: भजन के नियमित अभ्यास से धैर्य और संयम की भावना विकसित होती है, जो जीवन की समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है।
  • भक्ति का अनुभव: भजन के माध्यम से सच्चे प्रेम और भक्ति का अनुभव होता है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक सुख मिलता है।
  • मनोकामना पूर्ति: भजन के माध्यम से देवी की कृपा प्राप्त होती है, जो मनोकामनाओं को पूरा करने में मदद करती है।

इन लाभों से स्पष्ट होता है कि भजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह मानसिक, शारीरिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

FAQ

भजन सुनने से मानसिक शांति कैसे प्राप्त होती है?

भजन के मधुर स्वर और देवी की स्तुति से हमारे मन को शांति मिलती है, तनाव और चिंता कम होती है, और एक शांति का अनुभव होता है।

भजन को केवल सुनने से जीवन में बदलाव लाएं जा सकते है ?

क्या भजन करने से धार्मिक छवि पर असर पड़ता है?

क्या भजन किसी विशेष भाषा में ही उपलब्ध है ?

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