Durga Puja Quotes माँ दुर्गा की महिमा अपार है, उनकी कृपा से हर अंधेरा दूर हो जाता है। दुर्गा पूजा का त्योहार हमें शक्ति और साहस का संदेश देता है, जिससे हम हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। माँ दुर्गा की आराधना से हर मनोकामना पूरी होती है, और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। शक्ति, भक्ति और अडिग विश्वास – यही है माँ दुर्गा के चरणों में सच्ची पूजा की भावना। माँ दुर्गा की उपासना से जीवन में हर कठिनाई आसान हो जाती है। दुर्गा पूजा का पर्व हमें याद दिलाता है कि शक्ति और साहस से जीवन के हर संघर्ष को जीत सकते हैं। माँ दुर्गा की उपस्थिति से हर दर्द और संघर्ष का समाधान हो जाता है, उनके आशीर्वाद से जीवन में खुशहाली आती है। माँ दुर्गा का आशीर्वाद सदा हमारे साथ होता है, हमें चाहिए कि हम अपनी भक्ति और विश्वास को मजबूत रखें। माँ दुर्गा की पूजा से आत्मा को शांति मिलती है और हृदय में खुशी का संचार होता है। माँ दुर्गा की शक्तियों से ही जीवन में हर असंभव को संभव बनाया जा सकता है। मां के कदम आपके घर में आएं, आप खुशी से नहाएं, परेशानियां आपसे आंखें चुराएं, चैत्र नवरात्रि की ढेरों शुभकामनाएं ! नव दीप जले, नव फूल खिले, रोज़ मां का आशीर्वाद मिले, इस दुर्गा अष्टमी आपको वो सब मिले, जो आपका दिल चाहें! दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं! चांद की चांदनी, बंसत की बहार, फुलों की खुशबू, अपनों का प्यार, मुबारक हो आपको दुर्गा अष्टमी का त्यौहार ! लक्ष्मी का हाथ हो, सरस्वती का साथ हो, गणेश का निवास हो, और मां दुर्गा के आशीर्वाद से, आपके जीवन में प्रकाश ही प्रकाश हो! जय माता दी! हैप्पी दुर्गा अष्टमी! मैया बुलाले नवराते में, नाचेंगे हम सब जगराते में, मां की सूरत बस गई आंखों में, नाचेंगे हम सब जगराते में, Happy Durga Ashtami 2024 ! कुमकुम भरे कदमों से आए, मां दुर्गा आपके द्वार, सुख संपत्ति मिले आपको अपार, Happy Durga Ashtami 2024 ! हर युग में ज्ञानी और मुनि देते हैं सबको यह उपदेश, जो भी मां दुर्गा का मनन करे, कटे उसके सारे कलेश, मां दुर्गा का आशीर्वाद आपके ऊपर सदा बना रहे! जी लो जी भर के, मां तुम्हारे साथ है, किसी से क्या घबराना जब सर पर दुर्गा का हाथ है, हैप्पी दुर्गा पूजा! पहले मां की पूजा सब कुछ उसके बाद, आपके साथ सदा बना रहे मां का आशीर्वाद, दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!! श्वेत वस्त्र धारण करने वाली, बैल पर सवार, चार भुजा वाली, त्रिशूल धारण करने वाली, मां महागौरी आपके परिवार और संतान की सुरक्षा करें ! दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं ! सारा जहां है जिसकी शरण में, नमन है उस मां के चरण में, हम हैं उस मां के चरणों की धूल, आओ मिलकर मां को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल, आपको दुर्गा अष्टमी की शुभकामनाएं !

Durga Puja Quotes | दुर्गा पूजा कोट्स : भक्ति की भावना

दुर्गा पूजा, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो मां दुर्गा की आराधना का प्रतीक है। इस विशेष अवसर पर, हम मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ उनकी महिमा को व्यक्त करने वाले सुंदर और प्रेरणादायक दुर्गा पूजा कोट्स को साझा करते हैं। इन Durga puja quotes के माध्यम से हम न केवल श्रद्धा और भक्ति की भावना को … अभी देखें

Maa Durga Ringtone मां दुर्गा की रिंगटोन हर बार सुनने वाले के मन में शक्ति, शांति और भक्ति का भाव जगाती है। जब भी फोन बजता है और मां दुर्गा के भजन या आरती की आवाज सुनाई देती है, तो यह व्यक्ति को जीवन की परेशानियों से ऊपर उठने और अपने भीतर सकारात्मकता लाने की प्रेरणा देती है।

Maa Durga Ringtone | माँ दुर्गा रिंगटोन के द्वारा कॉल्स को देवत्व का आभास दें

यदि आप अपने फोन की रिंगटोन को कुछ खास बनाना चाहते हैं तो माँ दुर्गा रिंगटोन न केवल आपकी कॉल्स को एक दिव्य अनुभव देती है, बल्कि आपको हर समय माँ दुर्गा की शक्ति और आशीर्वाद का अहसास भी कराती है। Maa durga ringtone डाउनलोड करना बेहद आसान है। आज कल भक्त भारी मात्रा में दुर्गा आरती और दुर्गा चालीसा … अभी देखें

Durga Mata Songs Download, दुर्गा माँ के सांग आज हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा और भक्ति का स्रोत हैं। इन्हें डाउनलोड करना अब बेहद आसान हो गया है, और भक्तगण इन गीतों को अपने फोन, लैपटॉप या अन्य डिवाइस में डाउनलोड करके सुरक्षित रूप से रख सकते हैं।

Durga Mata Songs Download | दुर्गा माता सॉन्ग डाउनलोड

अगर आप दुर्गा माता की पूजा और भक्ति में रमे हुए हैं, तो दुर्गा माता सॉन्ग डाउनलोड करें आपके लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है। Durga Mata Songs Download को आप अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं, और अपने धार्मिक अनुभव को और भी समृद्ध बना सकते हैं। इन दुर्गा भजन के माध्यम से आप माँ दुर्गा … अभी देखें

Durga Aarti lyrics जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता, भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

Durga Aarti lyrics | दुर्गा आरती लिरिक्स : शक्ति और भक्ति का अद्वितीय संगम

दुर्गा आरती लिरिक्स माँ की आराधना का एक महत्वपूर्ण साधन है, जो देवी दुर्गा की पूजा के दौरान गाई जाती है। Durga Aarti lyrics देवी दुर्गा की शक्ति, भक्ति और दया का प्रतीक होती है और भक्तों को उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक माध्यम है। यह आरती विशेष रूप से नवरात्रि, विजयादशमी और अन्य धार्मिक अवसरों पर … अभी देखें

Durga Saptashati | ॐ ऐं आत्मतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा, ॐ ह्रीं विद्यातत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा। ॐ क्लीं शिवतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सर्वतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा॥ ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः॥ ॐ नमः परमात्मने, श्रीपुराणपुरुषोत्तमस्य श्रीविष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्याद्य श्रीब्रह्मणो द्वितीयपरार्द्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे प्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर्गतब्रह्मावर्तैकदेशे पुण्यप्रदेशे बौद्धावतारे वर्तमाने यथानामसंवत्सरे अमुकामने महामांगल्यप्रदे मासानाम्‌ उत्तमे अमुकमासे अमुकपक्षे अमुकतिथौ अमुकवासरान्वितायाम्‌ अमुकनक्षत्रे अमुकराशिस्थिते सूर्ये अमुकामुकराशिस्थितेषु चन्द्रभौमबुधगुरुशुक्रशनिषु सत्सु शुभे योगे शुभकरणे एवं गुणविशेषणविशिष्टायां शुभ पुण्यतिथौ सकलशास्त्र श्रुति स्मृति पुराणोक्त फलप्राप्तिकामः अमुकगोत्रोत्पन्नः अमुक नाम अहं ममात्मनः सपुत्रस्त्रीबान्धवस्य श्रीनवदुर्गानुग्रहतो ग्रहकृतराजकृतसर्व-विधपीडानिवृत्तिपूर्वकं नैरुज्यदीर्घायुः पुष्टिधनधान्यसमृद्ध्‌यर्थं श्री नवदुर्गाप्रसादेन सर्वापन्निवृत्तिसर्वाभीष्टफलावाप्तिधर्मार्थ- काममोक्षचतुर्विधपुरुषार्थसिद्धिद्वारा श्रीमहाकाली-महालक्ष्मीमहासरस्वतीदेवताप्रीत्यर्थं शापोद्धारपुरस्परं कवचार्गलाकीलकपाठ- वेदतन्त्रोक्त रात्रिसूक्त पाठ देव्यथर्वशीर्ष पाठन्यास विधि सहित नवार्णजप सप्तशतीन्यास-धन्यानसहितचरित्रसम्बन्धिविनियोगन्यासध्यानपूर्वकं च 'मार्कण्डेय उवाच॥ सावर्णिः सूर्यतनयो यो मनुः कथ्यतेऽष्टमः॥" इत्याद्यारभ्य "सावर्णिर्भविता मनुः" इत्यन्तं दुर्गासप्तशतीपाठं तदन्ते न्यासविधिसहितनवार्णमन्त्रजपं वेदतन्त्रोक्तदेवीसूक्तपाठं रहस्यत्रयपठनं शापोद्धारादिकं च किरष्ये/करिष्यामि॥

Durga Saptashati | दुर्गा सप्तशती : देवी दुर्गा की शक्तिशाली स्तुति

दुर्गा सप्तशती हमारे हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली धार्मिक ग्रंथ है, जो देवी दुर्गा की शक्ति, महिमा और उनकी दिव्य उपस्थिति का विस्तृत वर्णन करता है। Durga Saptashati का पाठ विशेष रूप से नवरात्रि, दशहरा, और अन्य धार्मिक अवसरों पर किया जाता है। इसके अलावा श्री दुर्गा चालीसा और दुर्गा स्तोत्रम का पाठ करना भी शुभ माना … अभी देखें

Durga Aarti: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी। सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी। आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों। बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी। मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥ ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी॥

Durga Aarti | दुर्गा आरती : शक्ति और भक्ति का संगम

दुर्गा आरती हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण पूजा विधियों में से एक है, जो देवी दुर्गा की भव्य महिमा, अद्वितीय विशेषताओं उनकी शक्ति का गुणगान करती है। Durga Aarti विशेष रूप से नवरात्रि और अन्य प्रमुख त्योहारों के दौरान की जाती है। आरती के दौरान दुर्गा जी का मन्त्र जाप भी किया जाता है जिससे पूजा का प्रभाव और आधीक बढ़ … अभी देखें

Durga Chalisa Aarti नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥१॥  निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूं लोक फैली उजियारी॥२॥  शशि ललाट मुख महाविशाला। नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥३॥  रूप मातु को अधिक सुहावे। दरश करत जन अति सुख पावे॥४॥  तुम संसार शक्ति लै कीना। पालन हेतु अन्न धन दीना॥५॥  अन्नपूर्णा हुई जग पाला। तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥६॥  प्रलयकाल सब नाशन हारी। तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥७॥  शिव योगी तुम्हरे गुण गावें। ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥८॥ रूप सरस्वती को तुम धारा। दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥९॥  धरयो रूप नरसिंह को अम्बा। परगट भई फाड़कर खम्बा॥१०॥  रक्षा करि प्रह्लाद बचायो। हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥११॥ लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं। श्री नारायण अंग समाहीं॥१२॥  क्षीरसिन्धु में करत विलासा। दयासिन्धु दीजै मन आसा॥१३॥  हिंगलाज में तुम्हीं भवानी। महिमा अमित न जात बखानी॥१४॥ मातंगी अरु धूमावति माता। भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥१५॥  श्री भैरव तारा जग तारिणी। छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥१६॥ केहरि वाहन सोह भवानी। लांगुर वीर चलत अगवानी॥१७॥ कर में खप्पर खड्ग विराजै। जाको देख काल डर भाजै॥१८॥ सोहै अस्त्र और त्रिशूला। जाते उठत शत्रु हिय शूला॥१९॥ नगरकोट में तुम्हीं विराजत। तिहुंलोक में डंका बाजत॥२०॥ शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे। रक्तबीज शंखन संहारे॥२१॥ महिषासुर नृप अति अभिमानी। जेहि अघ भार मही अकुलानी॥२२॥ रूप कराल कालिका धारा। सेन सहित तुम तिहि संहारा॥२३॥ परी गाढ़ संतन पर जब जब। भई सहाय मातु तुम तब तब॥२४॥  अमरपुरी अरु बासव लोका। तब महिमा सब रहें अशोका॥२५॥ ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी। तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥२६॥ प्रेम भक्ति से जो यश गावें। दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥२७॥ ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई। जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥२८॥ जोगी सुर मुनि कहत पुकारी। योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥२९॥ शंकर आचारज तप कीनो। काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥३०॥ निशिदिन ध्यान धरो शंकर को। काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥३१॥ शक्ति रूप का मरम न पायो। शक्ति गई तब मन पछितायो॥३२॥ शरणागत हुई कीर्ति बखानी। जय जय जय जगदम्ब भवानी॥३३॥ भई प्रसन्न आदि जगदम्बा। दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥३४॥ मोको मातु कष्ट अति घेरो। तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥३५॥ आशा तृष्णा निपट सतावें। रिपू मुरख मौही डरपावे॥३६॥ शत्रु नाश कीजै महारानी। सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥३७॥ करो कृपा हे मातु दयाला। ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।३८॥ जब लगि जिऊं दया फल पाऊं । तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥३९॥ दुर्गा चालीसा जो कोई गावै। सब सुख भोग परमपद पावै॥४०॥ देवीदास शरण निज जानी। करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥४१॥ ॥इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण॥

Durga Chalisa Aarti | दुर्गा चालीसा आरती: भक्ति और शक्ति का संगम

दुर्गा चालीसा आरती एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें देवी दुर्गा की आरती के साथ-साथ उनकी चालीसा का पाठ भी किया जाता है। दुर्गा चालीसा एक धार्मिक ग्रंथ है जिसमें 40 श्लोक होते हैं, जो देवी दुर्गा की महिमा, शक्ति, और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन करते हैं। Durga Chalisa Aarti विशेष रूप से नवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों … अभी देखें

Durga bhajan list - चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है... कहीं मेरी नज़र ना लगे मेरी मैया... मैया तेरे दरबार की महिमा निराली है... अम्बे कहा जाये जगदम्बे कहा जाये... लेके पूजा की थाली... हे नाम रे, सबसे बड़ा तेरा नाम... दुर्गा है मेरी मां... दुर्गा भजन चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है, ऊँचे परबत पर रानी माँ ने दरबार लगाया है। सारे जग मे एक ठिकाना, सारे गम के मारों का, रस्ता देख रही है माता, अपनी आंख के तारों का। मस्त हवाओं का एक झोखा यह संदेशा लाया है॥ जय माता की कहते जाओ, आने जाने वालों को, चलते जाओ तुम मत देखो अपने पांव के छालों को। जिस ने जितना दर्द सहा है, उतना चैन भी पाया है॥ वैष्णो देवी के मन्दिर में, लोग मुरदे पाते है, रोते-रोते आते है, हस्ते-हस्ते जाते है। मैं भी मांग के देखूं, जिस ने जो माँगा वो पाया है॥ मैं तो भी एक माँ हूं माता, माँ ही माँ को पहचाने, बेटे का दुःख क्या होता है, और कोई यह क्या जाने। उस का खून मे देखूं कैसे, जिस को दूध पिलाया है॥ प्रेम से बोलो, जय माता दी। ओ सारे बोलो, जय माता दी। वैष्णो रानी, जय माता दी। अम्बे कल्याणी, जय माता दी। माँ भोली भाली, जय माता दी। माँ शेरों वाली, जय माता दी। झोली भर देती, जय माता दी। संकट हर लेती, जय माता दी। ओ जय माता दी, जय माता दी॥

Durga Bhajan | दुर्गा भजन : भक्ति और आनंद का संगम

दुर्गा भजन हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की पूजा और भक्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। Durga bhajan देवी दुर्गा की महिमा, शक्ति और उनके विभिन्न रूपों का गुणगान करते हैं। इनमें देवी की स्तुति के साथ-साथ उनके दिव्य गुण और शक्तियों का वर्णन किया जाता है, जिससे भक्तों को भक्ति और आध्यात्मिक आनंद प्राप्त होता है। इन भजनों में … अभी देखें

Durga Saptashati Paath नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नम:॥ नम: प्रकृत्यै भद्रायै नियता: प्रणता: स्म ताम्॥१॥ ॐ ऐं आत्मतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा, ॐ ह्रीं विद्यातत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा, ॐ क्लीं शिवतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा, ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सर्वतत्त्वं शोधयामि नमः स्वाहा॥२॥ ॐ विष्णुर्विष्णुर्विष्णुः॥ ॐ नमः परमात्मने, श्रीपुराणपुरुषोत्तमस्य श्रीविष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्याद्य श्रीब्रह्मणो, द्वितीयपरार्द्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरेऽष्टाविंशतितमे कलियुगे प्रथमचरणे जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे, आर्यावर्तान्तर्गतब्रह्मावर्तैकदेशे पुण्यप्रदेशे बौद्धावतारे वर्तमाने यथानामसंवत्सरे अमुकामने महामांगल्यप्रदे, मासानाम्‌ उत्तमे अमुकमासे अमुकपक्षे अमुकतिथौ अमुकवासरान्वितायाम्‌ अमुकनक्षत्रे अमुकराशिस्थिते सूर्ये, अमुकामुकराशिस्थितेषु चन्द्रभौमबुधगुरुशुक्रशनिषु सत्सु शुभे योगे शुभकरणे एवं गुणविशेषणविशिष्टायां शुभ, पुण्यतिथौ सकलशास्त्र श्रुति स्मृति पुराणोक्त फलप्राप्तिकामः अमुकगोत्रोत्पन्नः अमुक नाम अहं ममात्मनः, सपुत्रस्त्रीबान्धवस्य श्रीनवदुर्गानुग्रहतो ग्रहकृतराजकृतसर्व-विधपीडानिवृत्तिपूर्वकं नैरुज्यदीर्घायुः, पुष्टिधनधान्यसमृद्ध्‌यर्थं श्री नवदुर्गाप्रसादेन सर्वापन्निवृत्तिसर्वाभीष्टफलावाप्तिधर्मार्थ-, काममोक्षचतुर्विधपुरुषार्थसिद्धिद्वारा श्रीमहाकाली-महालक्ष्मीमहासरस्वतीदेवताप्रीत्यर्थं शापोद्धारपुरस्परं, कवचार्गलाकीलकपाठ- वेदतन्त्रोक्त रात्रिसूक्त पाठ देव्यथर्वशीर्ष पाठन्यास विधि सहित नवार्णजप, सप्तशतीन्यास- धन्यानसहितचरित्रसम्बन्धिविनियोगन्यासध्यानपूर्वकं च "मार्कण्डेय उवाच। सावर्णिः सूर्यतनयो यो, मनुः कथ्यतेऽष्टमः"॥ इत्याद्यारभ्य "सावर्णिर्भविता मनुः" इत्यन्तं दुर्गासप्तशतीपाठं तदन्ते, न्यासविधिसहितनवार्णमन्त्रजपं वेदतन्त्रोक्तदेवीसूक्तपाठं रहस्यत्रयपठनं शापोद्धारादिकं च करिष्यामि॥

Durga Saptashati Paath | दुर्गा सप्तशती पाठ

दुर्गा सप्तशती पाठ हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली धार्मिक अनुष्ठान है। यह ग्रंथ देवी दुर्गा के तीन प्रमुख रूपों महाक्रूरी, महालक्ष्मी, और महासरस्वती की भक्ति और पूजा को समर्पित है। Durga saptashati paath में 700 श्लोकों है, जो देवी दुर्गा की महिमा, उनके विजय और शक्ति को वर्णित करते हैं। पाठ के दौरान भक्त देवी की शक्ति, … अभी देखें

Durga Stotram जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे। जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥1॥ जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे। जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥2॥ जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे। जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥3॥ जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते। जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥4॥ जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे। जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥5॥ एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:। गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥6॥

Durga Stotram | दुर्गा स्तोत्रम : दिव्य भक्ति पाठ

दुर्गा स्तोत्रम हिन्दू धर्म का एक शक्तिशाली मंत्र और स्तुति है जो देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करती है। भक्तगण Durga Stotram का पाठ विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान या अन्य धार्मिक अवसरों पर करते हैं, ताकि देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकें। इसमें निहित मंत्र और श्लोक देवी की शक्तियों, उनके रूपों और उनके दिव्य कार्यों … अभी देखें